Thursday, December 27, 2012

nhi hai kuchh nya taza, yahan sab kuchh purana hai

नही है कुछ नया ताज़ा,
यहाँ सब कुछ पुराना है,
वही है मेरी तन्हाई,
वही उसका दिया गम,
वही मेरा दर्द-ऐ-दिल,
वही खून-ऐ-तमन्ना,
वही पलकों की नाम कोरें,
वही आँखों में चाँद आंसू,
वही तेरी याद के मौसम,
वही तेरे ख्याल के बादल,
नही है कुछ नया ताज़ा,
वही सब कुछ पुराना है,
वही तेरा नाम होठों पर,
वही सपने तेरे, आँखों में,
वोही मयखाना,
वही बोतल,
वही साकी,
वही अंदाज़-ऐ -मयखाना,
अंदाज़ तक बैठने का,
वही पुराना है,
वही माथे पर लकीरे ,
तमन्ना तुझसे मिलने की,
कुछ नही बदला,
यहाँ सब कुछ पुराना है,
नही है कुछ नया ताज़ा,
यहाँ सब कुछ पुराना है
कवी- मन्नू अनखीरिया

kya karoon?


तू ही बता ऐ बेवफा,
तेरी याद का मैं क्या करूँ,
तू ही बता ऐ बेवफा,
इस जज्बात का मैं क्या करूँ,
तू ही बता मैं क्या करूँ?
बता ना, मैं क्या करूँ?
क्या करून इस दिल का अपने,
जिसमे तेरी याद है,
क्या करूँ इन आँखों का पानी,
जिनको तेरा इंतज़ार है,
तू ही बता मैं क्या करूँ,
बता न, मैं क्या करूँ,
इस जज़्बात का मैं क्या करूं,
तेरी याद का मैं क्या करूँ,
बता न, मैं क्या करूँ,
ये दिल्लगी तेरे नाम की,
ये आशिकी तेरे नाम की,
ऐ दिलरुबा, ऐ जानेजां ,
ये दिल्लगी तेरे नाम की,
ऐ हम-सफ़र ये तो बता,
ये बिन तेरे किस काम की,
तू ही बता किस काम की,
बता ना किस काम की,
अब इस दिल्लगी का क्या करूँ,
इस आशिकी का क्या करूँ,
जीना मेरा दुश्वार है,
तेरे बिन ऐ जानेजां ,
तू ही बता अब इस जिंदगी का क्या करूँ,
बता न क्या करूँ,
मैं इस ज़िन्दगी का क्या करूँ,
कवि- मन्नू अनखिरिया

Saturday, September 3, 2011

gift

tuta hua yeh dil,
bhigi hui aankhe,
auro se kahin badhkar ,
uphaar tumhara hai,
sau kaam bhulakar tum,
aaye mujhe rulane ko.
auro se kahin badhkar,
upkaar tumhara hai.
hota gar khuda jo tu,
toh tujhko bata dete,
chup hun main yun bas,
ki auro se kahin badhkar,
tu yaar hamara hai.
tu pyaar hamara hai

Friday, August 5, 2011

hye yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

tujhe paane ke liye hum toh,
ban baithe jogi chahat mein teri,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
jog jawani mein.

tu jo aayi saamne,
ruk gaya waqt mera,
hye yeh kaisi lag gayi rok,
waqt ki rawani mein,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

tere chehre ka kuch,
ausa jaadu hua mujh par,
ki reh reh kar tera chehra mujhe,
dikhta raha paani mein,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

bhookh lage na pyaas mujhe,
hua kya yeh mujhko,
aalam-e-diwani mein,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

koi laakar bhi deta,
agar khabar teri,
toh deta usko apni cheeze,
khandani main,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

koi banata tera naam lekar,
mujhko paagal,
maanta usko bhi,
uski ehsaani main,
uff yeh kaisa humko,
lag gaya rog jawani mein.

saamne tere mujhe,
dard na ho ehsas,
hua kya mujhe,
yeh bhari jawani mein,
uff yeh kaisa humko,
lag gaya rog jawani mein.

chaundhavi ke bhi chaand se,
jyada khubsurat lagi,
tu mujhe us,
raat an-chaandani mein,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.

tu bhi kar mujhse,
ikrar apni mohbbat ka,
aaye phir aur bhi maza,
apni prem kahani mein,
uff yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein

hye yeh kaisa humko lag gaya,
rog jawani mein.


thanks---------------------------
manoj kumar(mannu)(indian badshah)

Thursday, July 1, 2010

हम - तुम

मैं था उदाश सितारे मुस्कुरा रहे थे ,
मोहब्बत के अपनी वोह गीत गा रहे थे,
मैंने पूछा नाम तो वोह चाँद बता रहे थे ,
और अपनी मोहब्बत के अंजाम पर ,
आँखों से मेरी आंसू आ रहे थे ,
अब बारी सितारों की थी ,
उन्होंने कहा हमे भी तो कुछ बताओ ,
क्या गम है तुम्हे हमे भी तो बताओ ,
मैंने कहा गम क्या है मुझे ,
मुझे कोई गम गम नहीं ,
सितारों ने कहा ,
आँखों में तुम्हारी आंसू है,
ये भी तोह कम नहीं ,
मैंने कहा आँख में मेरी,
कोई तिनका गिर गया होगा ,
सितारों ने कहा समझ गए ,
सितारों ने कहा समझ गए ,
तुम्हे भी इश्क में धोका मिल गया होगा.

Wednesday, June 30, 2010

आलम-ऐ-दीवानगी

दिल अपना,
मैं गया था ,
डॉक्टर को दिखने के लिए ,
भेज दिया दिल उसने,
पास दरजी के,
सिलवाने के लिए ,
मैंने पूछा क्यूं ,
तो कहा,
तैयार करवा रहा हूँ,
इसे फिर चोट खाने के लिए ,
मैंने फिर पूछा क्यूँ तो कहने लगा की ,
न तेरे सिने से मोहब्बत की जुस्तजू जाएगी ,
न उस सितमगर की चोट देने की आरजू जाएगी